अपना खतियान कैसे देखें (how to see your khatiyan)

बिहार में खतियान का नक़ल जिले के अभिलेखागार से प्राप्त किया जा सकता है. आवेदन और अावश्यक शुल्क जमा कर कोई भी व्यक्ति, किसी भी जमीन का नक़ल प्राप्त कर सकता है . आवेदन देने और शुल्क जमा करने को कचहरी की भाषा में चिरकूट दाखिल करना कहते है. चिरकूट दाखिल करने के लिये राजस्व गाँव का नाम, थाना नम्बर ,खाता नंबर और प्लॉट नंबर जानना अनिवार्य है.पहले हस्त-लिखित नक़ल निर्गत किया जाता था परन्तु अब अभिप्रमाणित छायाप्रति दी जाती है, जिसपर तीन सरकारी कर्मी का हस्ताक्षर रहता है .
खतियान के सबसे उपर राजस्व गाँव का नाम , थाना का नाम (राजस्व थाना ) ,थाना संख्या , परगना का नाम ,तौजी संख्या ,स्वत्वधारी जमींदार मध्यवर्ती का नाम और खेवट संख्या(केवल कैडेस्टल सर्वे खतियान में ) रहता है .इसके नीचे ग्यारह कालम बने रहते है, जिसमें निम्नांकित सूचनाऐ रहती हैं
                             पहले  कालम में खाता संख्या होता है.
                             दुसरे कालम में खाताधारी/अभिधारी का नाम , पिता का नाम , जाती और पता रहता है.
                             तीसरे कालम में खेसरा संख्या (प्लॉट नंबर)रहता है.
                             चौथे कालम में प्लॉट की चौहदी होती है
                             पांचवे कालम में भूमि का प्रकार रहता है
                            छठे औए सातवें कालम में प्लॉट का रकबा रहता है (एकड़ डिसमिल में)
                            आठवां कालम में अभियुक्ति दर्ज होता है
                            नौवे और दसवें कालम में गैर नगदी लगान यदि है तो उसका विवरण रहता
                            ग्यारहवें कालम में नगदी लगान का विवरण दर्ज रहता हैं.
नया खाता का विवरण शुरू होने से पूर्व पहले वाले खाते के कुल प्लॉटों की संख्या और रकबा का जोड़ रहता है. 

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